यह प्रक्रिया पूरी किये बिना ही बेच रहे हैं कबाड़ हुई गाड़ी तो गले पड़ जाएगी मुसीबत

नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। गाड़ी का एक्सीडेंट हो जाने पर आप उस स्थिति में क्लेम कर सकते हो, जब दुर्घटना में आपके वाहन की मरम्मत लागत इंश्योर्ड डिक्लेयर्ड वैल्यू (IDV) की 75 फीसदी से ज्यादा हो। IDV आपके वाहन की क्लेम फाइल करते समय की अनुमानित बाजार कीमत होती है। यह सब तो ठीक है, लेकिन अगर आप अपने कबाड़ हुए वाहन को बिना किसी कागजी प्रक्रिया के ऐसे ही कबाड़ वाले को बेच रहे हैं, तो आप भारी मुसीबत में फंस सकते हैं।

इंश्योरेंस रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (Irdai) ने एक सर्कुलर जारी कर स्क्रैप डीलर्स को बेचे गए वाहन के कागजातों के दुरुपयोग के बारे में चेताया है। ऐसे कई मामले सामने आए हैं जिनमें चोर स्क्रैप डीलर्स को बेचे गई गाड़ियों के इंजन और चेचिस नंबर का उपयोग चोरी के वाहनों के लिए करते हैं। इस तरह वे चोरी के वाहनों की एक फर्जी पहचान बना लेते हैं। इस तरह वे कागजात जिसके नाम रजिस्टर्ड है, वह मुश्किल में फंस सकता है।

मोटर व्हीकल एक्ट की धारा 55 के अनुसार, यदि कोई मोटर वाहन कबाड़ हो गया है या वह उपयोग की स्थिति में नहीं है, तो मालिक को इसकी सूचना 14 दिन के अंदर पंजीकरण प्राधिकारी को देनी होती है। आमतौर पर वाहन जहां यूज होता रहा है, उसी क्षेत्र के पंजीकरण प्राधिकारी को यह जानकारी देनी होती है। साथ ही रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट (RC) संबंधित अथॉरिटी को जमा करानी होती है। यदि वह वो ऑरिजनल अथॉरिटी होगी, जहां वाहन रजिस्टर्ड हुआ था, तो अथॉरिटी RC को निरस्त कर देगी और अगर यह वह अथॉरिटी नहीं होगी, तो वह ऑरिजनल पंजीकरण प्राधिकारी को RC भेजेगी।

बता दें कि आरसी को रद्द करवाने की कोई फीस नहीं होती है। Irdai ने बीमा कंपनियों को स्पष्ट निर्देश दिये हैं कि यदि वाहन के पूरी तरह क्षतिग्रस्त होने की स्थिति में पॉलिसी धारक क्लेम के लिए आता है, तो उसके वाहन की आरसी निरस्त होनी ही चाहिए। एक मोटर वाहन मालिक के रूप में, ग्राहकों को हमेशा इन नियमों का पालन करना चाहिए और भविष्य में मुसीबत न आए, इसलिए अपने कबाड़ हुए या चोरी हो चुके वाहन की RC को जरूर रद्द करवाना चाहिए।


जवाब जरूर दे 

आप अपने सहर के वर्तमान बिधायक के कार्यों से कितना संतुष्ट है ?

View Results

Loading ... Loading ...


Related Articles

Check Also
Close